पहला चरण
आरआरटीएस नेटवर्क क्षेत्र के यात्रियों को 160 किलोमीटर की तेज गति पर हर 5-10 मिनट के बाद त्वरित और विश्वस्तरीय आवागमन सुविधा प्रदान करेगा। बिना रुके यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे 100 किलोमीटर की दूरी 45-50 मिनट के भीतर ही तय की जा सकेगी। इस नेटवर्क पर हर क़िस्म के यात्रियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर इस बात को भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वे सुविधापूर्वक अपने गंतव्य तक पहुँच सकें।
इस नेटवर्क को भारतीय रेलवे, अंतरराज्यीय बस अड्डों, हवाई अड्डों और दिल्ली मेट्रो के साथ निर्बाध रूप से समायोजित किया जाएगा ताकि यात्री बिना किसी बाधा के एक माध्यम से दूसरे मे जा सके।
आरआरटीएस के पहले चरण में कॉरिडर का विकास
प्राथमिकता के आधार पर कॉरिडोर चिह्नित | अनुमानित लंबाई | अपेक्षित यात्रा का समय |
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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ | 82 km | 55 मिनट |
दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर | 164 km | 117 मिनट |
दिल्ली-पानीपत | 103 km | 65 मिनट |
निर्बाध रूप से कनेक्टिंग एनसीआर
प्रतीक्षा समय और इंटरचेंज की संख्या सार्वजनिक परिवहन को अपनाने में दो प्रमुख बाधाएं हैं। यात्रियों के लिए निर्बाध आवाजाही प्रदान करने के लिए, तीन आरआरटीएस गलियारे इंटरऑपरेबल होंगे। चरण-1 के सभी तीन गलियारेअर्थात् दिल्ली – गाजियाबाद – मेरठ, दिल्ली – पानीपत और दिल्ली – गुरुग्राम – एसएनबी, दिल्ली के सराय काले खाँ आरआरटीएस स्टेशन पर कनवर्ज होंगे। यात्री रेल बदले बिना एक गलियारे से दूसरे तक जा सकेंगे।
भावी चरण
कॉरिडोर चिह्नित |
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दिल्ली- फरीदाबाद- बल्लभगढ़-पलवल |
गाजियाबाद-खुर्जा |
दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक |
गाजियाबाद-हापुड़ |
दिल्ली-शाहदरा-बड़ौत |