एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस के लिए मिश्रित अक्षय ऊर्जा का दोहन करने के लिए आज एसईसीआई (भारतीय सौर ऊर्जा निगम) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया हैं। समझौता ज्ञापन में विद्युत/परिवर्तनकारी अवसरों, हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था तथा ईंधन व ऊर्जा के अन्य वैकल्पिक स्रोतों में संभावित अवसरों का पता लगाने के भी प्रावधान हैं।
श्री जतिंद्र नाथ स्वैन, आईएएस, सचिव (मत्स्य पालन), भारत सरकार और सीएमडी/एसईसीआई, श्री विनय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक/एनसीआरटीसी और श्री महेंद्र कुमार, निदेशक (विद्युत और रोलिंग स्टॉक)/ एनसीआरटीसी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
एनसीआरटीसी, अपनी ऊर्जा प्रबंधन नीति के अनुसार अपनी पूर्ण ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए मिश्रित या ब्लेंडेड अक्षय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा आदि के उपयोग को अधिकतम करने का इरादा रखता है वही एसईसीआई, अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था होने के नाते, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए चौबीसों घंटे एनसीआरटीसी को मिश्रित अक्षय ऊर्जा की व्यवस्था करने में मदद करेगी और भविष्य के अन्य आरआरटीएस कॉरिडोर में भी सहयोग करेगी।
इस एसोसिएशन के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग के अलावा बिजली पर खर्च में और CO2 उत्सर्जन में काफी कमी सुनिश्चित की जाएगी, जो परियोजना के लिए आवश्यक है। यह सहयोग आरआरटीएस को वित्तीय और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनाने के लिए एनसीआरटीसी की दीर्घकालिक रणनीति का ही एक हिस्सा है।
एनसीआरटीसी भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर में ऊर्जा दक्षता के लिए निम्नलिखित उपाय भी अपना रहा है:
1. एनसीआरटीसी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के स्टेशनों और डिपो पर सौर पैनलों को स्थापित करेगा।
2. एनसीआरटीसी का लक्ष्य न्यूनतम 10 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करने का है।
3. दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का 40% नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त/उत्पन्न करने का लक्ष्य है |
4. आरआरटीएस रोलिंग स्टॉक को अत्याधुनिक रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा जो ट्रेन की गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
5. रीजेनरेटिव ब्रेकिंग के परिणामस्वरूप पहियों, ब्रेक पैड्स और रोलिंग स्टॉक के अन्य संबंधित मूविंग ब्रेक-गियर भागों के टूट-फूट में कमी आएगी, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन के रखरखाव जीवन चक्र के दौरान इन स्पेयर पार्ट/आइटम की खपत काफी कम हो जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप CO2 उत्सर्जन में फिर से पर्याप्त कमी आएगी जो अन्यथा इन स्पेयर पार्ट्स / वस्तुओं के निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला प्रक्रिया में उत्पन्न होता।
6. आरआरटीएस ट्रेनों में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे। यह हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है। आरआरटीएस रोलिंग स्टॉक में कम ऊर्जा खपत के साथ यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिए प्रकाश और तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी।
7. सभी आरआरटीएस स्टेशन और उनके परिसर, डिपो, कार्यालय स्थान और ट्रेनें ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइटों से सुसज्जित होंगी।
8. प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशनों पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे जो भूमिगत स्टेशनों में महत्वपूर्ण ऊर्जा खपत को बचाने में मदद करेंगे |