Rolling EoI for Empanelment of Advocates for High Courts (Delhi & Allahabad) and District Courts (Delhi, Ghaziabad & Meerut)

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सतर्कता

सतर्कता

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की सतर्कता यूनिट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के सभी सतर्कता मामलों के लिए नोडल एजेंसी है। मुख्य सतर्कता अधिकारी इस यूनिट के प्रधान हैं। एक पूर्णकालिक उप-मुख्य सतर्कता अधिकारी, दो वरिष्ठ सतर्कता अधिकारियों, तीन सहायक सतर्कता अधिकारी और चार सतर्कता निरीक्षकों द्वारा मुख्य सतर्कता अधिकारी की सहायता की जाती है। सतर्कता यूनिट शहरी विकास मंत्रालय के सतर्कता यूनिट और केन्द्रीय सतर्कता आयोग के घनिष्ठ समन्वय में कार्य करता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम में सतर्कता का कार्य निवारक जांच करना, विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों की तहकीकात करना और सीटीई द्वारा उनकी सघन जांचों में उठाए गए पैरा की विस्तार से तहकीकात करना होता है। जहां कहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के प्रशासनिक कार्यकरण में सुधार किया जाना आवश्यक हो, सतर्कता यूनिट प्रणालीगत सुधार हेतु भी सुझाव देता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम का सतर्कता एकक समय-समय पर सतर्कता जागरूकता कार्यक्रम की व्यवस्था करता है। ये कार्यक्रम सभी संबंधित व्यक्तियों के लाभार्थ आयोजित किए जाते हैं। ऐसे कार्यक्रमों के दौरान, संगठन में सतर्कता जागरूकता पैदा करने के लिए सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को आमंत्रित किया जाता है।

मुख्य सतर्कता अधिकारी के कार्यों

भ्रष्ट कृत्यों में शामिल व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें दंड देने के अलावा भ्रष्टाचार और अन्य कदाचारों के विरूद्ध निवारक उपाय करना मुख्य सतर्कता अधिकारी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है।
मौटे तौर पर, मुख्य सतर्कता अधिकारी की भूमिकाएं और कार्य निम्नलिखित हैं:

  • भ्रष्टाचार या कदाचारों की संभावनाओं को दूर करने या न्यूनतम बनाने की दृष्टि से संगठन के मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं की विस्तार से जांच करना।
  • संगठन में संवेदनशील/भ्रष्टाचार संभावित स्थानों की पहचान करना और ऐसे क्षेत्र में तैनात कार्मिकों पर नज़र रखना।
  • प्रणाली की विफलताओं और भ्रष्टाचार या कदाचारों की मौजूदगी का पता लगाने के लिए औचक निरीक्षणों और नियमित निरीक्षणों की योजना बनाना और उन्हें लागू करना।.
  • संदेहास्पद सत्यनिष्ठा रखने वाले अधिकारियों पर समुचित निगरानी बनाए रखना।
  • अधिकारियों की सत्यनिष्ठा से संबंधित आचार नियमों का शीघ्र अनुपालन सुनिश्चित करना जैसे कि
  1. – वार्षिक संपत्ति विवरणी
  2. पदधारी द्वारा स्वीकार किए गए उपहार
  3. बेनामी लेनदेन
  4. निजी फर्मों या निजी व्यापार इत्यादि में संबंधियों का नियोजन
  • यह सुनिश्चित करना कि किसी अनुशासनिक मामले में आरोप-पत्र दिए जाने की तारीख से जांचकर्ता अधिकारी की रिपोर्ट के जमा किए जाने तक की अवधि सामान्यतया छह माह से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • सभी चरणों पर सतर्कता मामलों का त्वरित संसाधन सुनिश्चित करना। सतर्कता के दृष्टिकोण से निर्णय लिए जाने की आवश्यकता रखने वाले मामलों और केन्द्रीय सतर्कता आयोग के साथ परामर्श की आवश्यकता रखने वाले मामलों में, हर मामले में निर्णय सीवीओ द्वारा लिया जाएगा।
  • यह सुनिश्चित करना कि आरोप-पत्र, लांछनों का विवरण, गवाहों और दस्तावेजों की सूचियां इत्यादि ध्यानपूर्वक तैयार किए जाएं और अनुशासनिक प्राधिकारी की ओर से आधार बनाए गए सभी दस्तावेज़ों और गवाहों के उद्धृत किए गए बयानों की प्रतियां, जहां कही संभव हो, आरोपित अधिकारी को आरोप-पत्र के साथ प्रदान की जाएं।
  • यह सुनिश्चित करना कि जांचकर्ता अधिकारी को अग्रेषित किए जाने हेतु अपेक्षित सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक छांट लिया जाए और शीघ्र प्रेषित कर दिया जाए।
  • यह सुनिश्चित करना कि जांचकर्ता अधिकारी की नियुक्ति में कोई विलंब नहीं हो, और आरोपित अधिकारी या प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा कोई भी विलंबकारी चालाकियां नहीं अपनाई जाएं।
  • यह सुनिश्चित करना कि अनुशासनिक प्राधिकारी के अंतिम आदेशों हेतु जांचकर्ता अधिकारी की रिपोर्ट का संसाधन समुचित रूप से और शीघ्रता से किया जाए।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए क्या समीक्षा किए जाने का कोई मामला बन रहा है या नहीं, मंत्रालय/विभाग के अधीनस्थ अनुशासनिक प्राधिकारियों द्वारा पारित अंतिम आदेशों की संवीक्षा करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि सी.बी.आई. को सौंपे गए अथवा उनके अपने सूचना स्रोत के आधार पर उनके द्वारा शुरू किए गए मामलों की जांच में उन्हें समुचित सहायता दी जाए।
  • आरोपित अधिकारियों द्वारा दायर की गई रिट याचिकाओं के संबंध में समुचित और पर्याप्त कार्रवाई करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग से उन सभी चरणों पर परामर्श किया जाए जहां इसके साथ परामर्श किया जाना चाहिए और जहां तक संभव हो, विभिन्न चरणों हेतु सतर्कता नियम-पुस्तिका में विहित समय-सीमाओं का पालन किया जाए।.
  • आयोग को विवरणियां शीघ्र जमा किया जाना सुनिश्चित करना।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या सतर्कता कार्य के त्वरित और प्रभावी निपटान को सुनिश्चित करने हेतु मौजूदा व्यवस्थाएं पर्याप्त हैं, निगम में सतर्कता कार्य हेतु मौजूदा व्यवस्थाओं की समय-समय पर समीक्षा करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि सेवानिवृत्ति की कगार पर पहुंचे लोक सेवकों के विरूद्ध मामले, फाइलों के गुम हो जाने इत्यादि जैसे कारणों से समय-सीमा की कारण व्यपगत नहीं हो जाए और यह कि सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारियों के मामले में पारित आदेश समय पर लागू किए जाएं।
  • यह सुनिश्चित करना कि सक्षम अनुशासनिक प्राधिकारी सतर्कता मामलों के संसाधन में कोई विलंबकारी या नकारात्मक रवैया नहीं अपनाएं।
  • यह सुनिश्चित करना कि मुख्य सतर्कता अधिकारी केन्द्रीय सतर्कता आयोग और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के साथ नियमित बैठकें आयोजित करे।

शिकायतों

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम से संबंधित सतर्कता मामलों पर किसी भी व्यक्ति द्वारा शिकायत की जा सकती है क्योंकि यह भ्रष्टाचार से संबंधित सूचनाओं का मुख्य स्रोत है। सीवीसी के अनुदेशों के अनुसार, बेनाम/छद्मनाम वाली शिकायतें स्वीकार नहीं की जाती हैं। हस्ताक्षरित शिकायतें सतर्कता कार्याधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से सौंपी जा सकती हैं/ डाक द्वारा भेजी जा सकती है अथवा vigilance@ncrtc.in पर ईमेल की जा सकती है। प्रबंध निदेशक मुख्य सतर्कता अधिकारी है।