उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी ने लखनऊ में शनिवार 06 फरवरी 2021 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस काॅरिडोर के कार्य प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (आवास) के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार सिंह के नेतृत्व में एनसीआरटीसी की टीम ने प्रजेंटेशन के माध्यम से परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश में निर्मित होने वाली भारत की पहली रिजनल रेल इस क्षेत्र में परिवहन का सबसे तेज़ माध्यम होगा और मेरठ से दिल्ली हवाई अड्डे या मेरठ से एम्स जैसे प्रमुख स्थानों के बीच की यात्रा के समय को घटा कर केवल एक घंटे तक ले आएगा, जो वर्तमान में 3 से 4 घंटे तक है। आरआरटीएस स्टेशनों पर मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन तथा आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे पर मेरठ मेट्रो के संचालन जैसे विभिन्न प्रमुख पहलुओं पर विशिष्ट जानकारी भी दी गई। यह भी बताया गया कि आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि यह प्रणाली न केवल सार्वभौमिक रूप से सुलभ होगी, बल्कि मेडिकल इमर्जेंसी जैसे स्ट्रेचर पर मरीजों की आवाजाही तथा अन्य स्थिति से निपटने में भी मददगार होगी। यह एम्स और सफदरजंग जैसी अस्पतालों तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक तेज पहुंच प्रदान करेगी।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने अब तक के निर्माण कार्य में प्रगति की सराहना की। एनसीआरटीसी ने बताया कि वर्तमान में परियोजना पर योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा है, मार्च 2023 में इसके कमीशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काॅरिडोर के प्राथमिकता वाले खंड पर कार्य तेजी से चल रहा है। यूटिलिटी डाइवर्जन, सरकारी भूमि और अनुमोदन से संबंधित प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की गई और परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए इसका समाधान किया गया।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि आरआरटीएस सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देगा जिससे ऊर्जा का कुशल उपयोग संभव होगा, ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को आरआरटीएस परियोजना से संबंधित सभी बाधाओं को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया, ताकि भारत के पहले आरआरटीएस का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके, जो एनसीआर के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।