दिल्ली से पानीपत और दिल्ली से अलवर के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल की अड़चनें कम होती नजर आ रही हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दोनों ही रैपिड रेल लाइनों को नैशनल हाईवे के समानांतर बनाने के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी देने का फैसला किया है।
नई दिल्ली
दिल्ली से पानीपत और दिल्ली से अलवर के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल की अड़चनें कम होती नजर आ रही हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दोनों ही रैपिड रेल लाइनों को नैशनल हाईवे के समानांतर बनाने के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी देने का फैसला किया है। इसका असर यह होगा कि इससे न सिर्फ इन दोनों रैपिड रेल लाइनों के लिए जमीन के अधिग्रहण की बेहद कम जरूरत होगी। इससे यह प्रॉजेक्ट न सिर्फ तेजी से पूरा किया जा सकेगा बल्कि इसकी लागत में भी कमी आएगी।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इन दोनों ही रैपिड रेल लाइनों को लेकर शहरी कार्य मंत्रालय के सेक्रिटरी दुर्गा शंकर मिश्रा की अगुवाई में हुई बैठक में रैपिड रेल लाइनों पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में एनएचएआई चेयरमैन दीपक कुमार के अलावा एनसीआर ट्रांसपॉर्ट कॉरपोरेशन के वी.के. सिंह समेत कई सीनियर अफसर मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि एनसीआरटीसी चाहता था कि उसे दिल्ली पानीपत लाइन को नैशनल हाईवे के समानांतर ही बनाने की इजाजत दी जाए लेकिन उस वक्त एनएचएआई का कहना था कि इससे उसके एक्सटेंशन प्लान पर असर पड़ सकता है इसलिए एनसीआरटीसी भले ही हाईवे के समानांतर बनाए लेकिन उसे हाईवे से एक हिस्सा छोड़कर बनाए। इससे रैपिड रेल के लिए कई मकान तोड़ने पड़ते और जमीन का अधिग्रहण भी करना पड़ता। इसी वजह से यह मामला पिछले कई महीनों से चल रहा था।
शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मिश्रा ने जानकारी दी कि एनसीआरटीसी ने ग्राउंड सर्वे किया है। अगर एनएचएआई नैशनल हाईवे एक के समानांतर पानीपत और हाईवे आठ के समानांतर अलवर लाइन बनाने की इजाजत देता है तो इससे लागत और समय की बचत होगी। यही नहीं, इससे हाईवे पर चलने वाले ट्रैफिक का लोड भी काफी कम हो सकता है। मंत्रालय की ओर से एनएचएआई को आश्वासन दिया गया कि अगर भविष्य में एनएचएआई इन हाईवे को चौड़ा करना चाहेगा तो भी उसके लिए अड़चन नहीं होगी, क्योंकि रैपिड रेल लाइन बनाते वक्त हाईवे के समानांतर कुछ जमीन छोड़ी जाएगी।
एनएचएआई चेयरमैन दीपक कुमार ने हाईवे के समानांतर रैपिड रेल बनाने के लिए अपनी सैद्बांतिक मंजूरी दी लेकिन यह भी कहा कि एनएचएआई और एनसीआरटीसी को मिलकर एक्शन प्लान बनाना चाहिए ताकि आगे किसी तरह की दिक्कत न हो। उन्होंने अर्बन एक्सटेंशन 2 रोड के मामले में भी सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली से अलवर के बीच 180 किमी की रैपिड रेल लाइन बनाने का प्रस्ताव है, जिस पर 37 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे जबकि दिल्ली से सोनीपत होते हुए पानीपत के लिए 111 किमी की लाइन पर 16 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। दिल्ली मेरठ लाइन पर पहले से ही तैयारियां चल रही हैं।